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Parivartansheel Vishwa Mein Bharat Ki Ranneeti (Hindi...

Parivartansheel Vishwa Mein Bharat Ki Ranneeti (Hindi Edition)

जयशंकर, सुब्रण्यम
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"वर्ष 2008 के वैश्विक वित्तीय संकट से लेकर वर्ष 2020 के कोरोना महामारी तक का दशक वैश्विक व्यवस्था में एक वास्तविक परिवर्तन का प्रत्यक्षदर्शी रहा है। अंतरराष्ट्रीय संबंधों की बुनियादी प्रकृति और नियम हमारी नजरों के सामने बदल रहे हैं।भारत के लिए इसके मायने अपने लक्ष्यों को सर्वश्रेष्ठ तरीके से आगे बढ़ाने के लिए सभी प्रमुख शक्तियों के साथ संबंधों को सर्वोत्कृष्ट करने से है। हमें अपने नजदीकी व विस्तारित पड़ोस में भी एक दृढ़ और गैर-पारस्परिक दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है। एक वैश्विक पहचान, जो भारत की वृहद् क्षमता और प्रासंगिकता के साथ इसके विशिष्ट प्रवासी समुदाय का लाभ उठाए, अभी बनने की प्रक्रिया में है। वैश्विक उथल-पुथल का यह युग भारत को एक नेतृत्वकारी शक्ति बनने की राह पर ले जाते हुए इससे और अधिक अपेक्षाओं की जरूरत पर बल देता है।‘परिवर्तनशील विश्व में भारत की रणनीति’ में भारत के विदेश मंत्री डॉ. सुब्रह्मण्यम जयशंकर ने इन्हीं चुनौतियों का विश्लेषण करते हुए संभावित नीतिगत प्रतिक्रियाओं की व्याख्या की है। ऐसा करते समय वे भारत के राष्ट्रीय हित के साथ अंतरराष्ट्रीय दायित्वों का संतुलन साधने में अत्यंत सतर्क रहे हैं। इस चिंतन को वे इतिहास और परंपरा के संदर्भ में प्रस्तुत करते हैं, जो कि एक ऐसी सभ्यतागत शक्ति के लिए, जो वैश्विक मंच पर अपनी स्थिति को पुनः हासिल करने की तलाश में है, सर्वथा उपयुक्त है।"
გამომცემლობა:
Prabhat Prakashan
ენა:
hindi
ISBN:
B08SQB2F15
ფაილი:
EPUB, 1.45 MB
IPFS:
CID , CID Blake2b
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